Sunita Williams Biography : अंतरिक्ष से लेकर पद्म भूषण तक
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सुनीता विलियम्स : जीवन और शिक्षा
सुनीता विलियम्स भारत के गुजरात राज्य के अहमदाबाद से ताल्लुक रखती हैं और सुनीता विलियम्स का जन्म 19 सितंबर, 1965 को यूक्लिड, ओहायो में हुआ।उन्होंने मैसाचुसेट्स (Massachusetts)से अपनी स्कूली शिक्षा पूरी की और 1987 में संयुक्त राज्य नौसेना अकादमी से Physics (भौतिक विज्ञान) में स्नातक(Graduate) (बी.एस.) की डिग्री प्राप्त की। इसके बाद, 1995 में उन्होंने फ्लोरिडा इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी(Florida Institute of Technology) से इंजीनियरिंग मैनेजमेंट में मास्टर डिग्री (एम.एस.) हासिल की। सुनीता विलियम्स ने अंतरिक्ष में 127 दिनों तक रहने का world record स्थापित किया। वह दो अंतरिक्ष मिशनों अभियान 14/15 और 32/33 की अनुभवी हैं। उनके पिता का नाम डॉ. दीपक पांड्या था वो एक प्रख्यात तंत्रिका विज्ञानी (Neurologist) थे,उनका परिवार उनके पिता के पेशेवर करियर की वजह से अहमदाबाद से अमेरिका स्थानांतरित हो गए थे। सुनीता विलियम्स पिता भारत के गुजरात मूल के थे और उनकी मां "बॉनी जालोकर" स्लोवेनिया नाम मूल की थीं।
करियर और अंतरिक्ष मिशन
सुनीता का नासा के साथ जून 1998 में सफर शुरू हुआ, जब उनका चयन अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी के लिए हुआ। भारत की दूसरी महिला हैं जिन्होंने अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा के माध्यम से अंतरिक्ष की यात्रा की। इन्होने अंतरिक्ष यात्रा में नई ऊंचाइयां छूते हुए 2770 उड़ानों के रिकॉर्ड बनाए। सुनीता ने अंतरिक्ष में रहते हुए 127 दिन बिताए, जिससे वह सबसे अधिक समय तक अंतरिक्ष में रहने वाली महिला बनीं। इसके अलावा भी वह एक कुशल नौसेना पोत चालक, हेलीकॉप्टर पायलट और परीक्षण पायलट भी हैं।
सुनीता विलियम्स भारतीय मूल की दूसरी महिला हैं, जिन्होंने अमेरिकी अंतरिक्ष मिशन का हिस्सा बनकर अपनी पहचान बनाई। सितंबर-अक्टूबर 2007 में उन्होंने भारत का दौरा भी किया, जिससे उनकी लोकप्रियता भारत में भी बढ़ी। सुनीता नासा के साथ लंबे समय तक जुड़ी रहीं और सोसाइटी ऑफ फ्लाइट टेस्ट इंजीनियर्स और अमेरिकी हेलीकॉप्टर एसोसिएशन जैसी संस्थाओं से भी जुड़ी हुई हैं।
व्यक्तिगत जीवन
सुनीता विलियम्स का विवाह माइकल जे. विलियम्स(Michael J. Williams)से हुआ, जो उनके सहपाठी थे। वे एक बहुआयामी व्यक्तित्व की धनी हैं, जिसमें नौसैनिक, पायलट, गोताखोर, मैराथन धावक, पशु प्रेमी और अंतरिक्ष यात्री जैसी असाधारण क्षमताएं शामिल हैं। सुनीता ने कड़ी मेहनत, अनुशासन और आत्मविश्वास से अपने सपनों को साकार किया।
सम्मान और पुरस्कार
2008 में उन्हें भारत सरकार द्वारा विज्ञान और अभियांत्रिकी के क्षेत्र में 'पद्म भूषण' से सम्मानित किया गया। इसके अतिरिक्त, उन्हें नेवी कमेंडेशन मेडल, नेवी एंड मरीन कॉर्प अचीवमेंट मेडल, और ह्यूमैनिटेरियन सर्विस मेडल से भी नवाजा गया है।
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