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पेन्सिल का इतिहास :- History Of Pencil

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पेंसिल की कहानी (Story Of Pencil) पेंसिल की खोज 1954 में हुई थी। इसे बनाने के लिए सबसे पहले ग्रेफाइट को शीट के आकार में काटा जाता था और फिर इसे गोल रॉड में ढालते थे। इसके बाद पेंसिल बनाने के लिए इस गोल रॉड को लकड़ी के गोल सांचे में फिट करते थे। 15वीं सदी के मध्य से पहले पेंसिल का इस्तेमाल केवल कलाकार ही करते थे। पेंसिल शब्द लैटिन के ‘पेनीसिलस’ से लिया गया है, जिसका अर्थ होता है, छोटी पूंछ। और ग्रेफिट शब्द ग्रीक - भाषा से लिया गया है। जिसक मतलब होता है ," मैं लखता हूँ या कागज पर पिशान बनता हूँ ''। वर्तमान समय में ग्रेफाइट की प्राप्ति गड्ढे  एवं  जमीन के खदानों से की जाती है। Table Of Contents पेन्सिल का इतिहास (History Of Pencil) पेन्सिल के अविष्कार को लेकर उपयोग होने वाले सबसे जरुरी ग्रेफाइट को लेकर इतिहासकारो का मानना है कि साल 1564 में इंग्लैंड में भयानक तूफान आया था। इस तूफान के कारण जंगलो में बड़े बड़े पैदा गिर गए थे। इस तूफान के बहुत दिन बाद जब चरवाहे अपने पशुओ के साथ जंगल में गए उन्हें देखा कि एक विशाल पेड़ जमीन पर गिरा है। उस पेड़ के उखाड़ने के कारण वह

Teacher's Day 2024:शिक्षक दिवस का इतिहास और महत्वपूर्ण तथ्य

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Teacher's Day 2024:शिक्षक दिवस का इतिहास और महत्वपूर्ण तथ्य  भारत में 5 सितंबर को Teacher's Day यानी शिक्षक दिवस मनाया जाता है। इस दिन को हम पूर्व राष्ट्रपति डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन की बर्थ एनिवर्सरी पर सेलिब्रेट करते हैं। जानें Teacher's Day का इतिहास, और कुछ महत्वपूर्ण तथ्य। इतिहास (History) : किसी भी व्यक्ति को भविष्य को सही मोड़ देने में गुरु की सबसे बड़ी भूमिका होती है। एक गुरु ही व्यक्ति को जीवन का सही मार्ग चुनने की समझ दे सकता है। गुरु के जरिए सफलता की सीढ़ियों तक पहुंचा जा सकता है। यही वजह है कि हमारे देश में शिक्षकों का सम्मान है और उन्हें माता-पिता से भी ऊंचा दर्जा दिया जाता है। गुरु की अहमियत को बतलाने के लिए भारत में हर साल 5 सितम्बर को शिक्षक दिवस या टीचर्स डे मनाया जाता है। यह खास दिन शिक्षक को सम्मानित करने और आभार व्यक्त करने के लिए होता है।  Table Of Contents शिक्षक दिवस क्यों मनाया जाता है : (Why is Teacher's Day celebrated?) दरअसल, डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन  खुद एक शिक्षक थे। सर्वपल्ली राधाकृष्णन ने जब राष्ट्रपति का पद ग्रहण किया,