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Emergency 1975 : लोकतंत्र की सबसे बड़ी परीक्षा

Emergency 1975 : लोकतंत्र की सबसे बड़ी परीक्षा

 प्रस्तावना (Introduction)

भारत के लोकतांत्रिक इतिहास में कई महत्वपूर्ण पड़ाव आए हैं, लेकिन कुछ घटनाएं इतनी गहन होती हैं कि वे देश की आत्मा को झकझोर देती हैं। 25 जून 1975 को लगा आपातकाल (Emergency) एक ऐसी ही घटना थी, जिसे भारतीय लोकतंत्र के सबसे अंधकारमय दौर के रूप में जाना जाता है। यह एक ऐसा समय था जब नागरिक अधिकार छीन लिए गए, प्रेस की स्वतंत्रता पर प्रतिबंध लगा और सत्ता के विरोध में बोलने वालों को जेल में डाल दिया गया।

🔥 आपातकाल क्या होता है? What is an emergency?

भारतीय संविधान के अनुच्छेद 352 के तहत, यदि देश की सुरक्षा, युद्ध, बाह्य आक्रमण या आंतरिक विद्रोह के कारण खतरे में हो, तो राष्ट्रपति आपातकाल घोषित कर सकते हैं। यह संसद की सहमति से होता है और इस दौरान नागरिकों के मौलिक अधिकार सीमित या निलंबित किए जा सकते हैं।

लेकिन 1975 का आपातकाल एक विशेष मामला था - यह आंतरिक संकट के नाम पर लागू किया गया था, जबकि उसका मुख्य कारण राजनीतिक सत्ता बचाना था।

🗓️ घटनाओं की समयरेखा (Chronological Timeline)

 तिथि    -     📌 घटना

12 जून 1975 - इलाहाबाद हाईकोर्ट ने इंदिरा गांधी के लोकसभा चुनाव को गलत तरीके से जीतने पर अवैध ठहराया।

24 जून 1975 - सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें पीएम पद पर बने रहने की सीमित अनुमति दी।

25 जून 1975 - (रात 12 बजे) राष्ट्रपति फखरुद्दीन अली अहमद ने इंदिरा गांधी के कहने पर देश में आपातकाल घोषित किया।

26 जून 1975 - देश को सुबह पता चला कि अब वे एक आपातकालीन शासन में जी रहे हैं।

Emergency 1975 : लोकतंत्र की सबसे बड़ी परीक्षा
Pic credit: Wikipedia


📢 आपातकाल लगाने के कारण : Reasons for imposing emergency

1. इंदिरा गांधी की चुनावी वैधता पर सवाल : Question on Indira Gandhi's electoral legitimacy
  • इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले में कहा गया कि इंदिरा गांधी ने सरकारी मशीनरी का दुरुपयोग किया। इससे उनकी लोकसभा सदस्यता और प्रधानमंत्री पद पर संकट आ गया।

2. जयप्रकाश नारायण आंदोलन : Jaiprakash Narayan Movement
  • जे.पी. आंदोलन ने देशभर में छात्रों, युवाओं और आम जनता को भ्रष्टाचार और बेरोजगारी के खिलाफ एकजुट किया। यह आंदोलन इंदिरा गांधी के लिए सीधी चुनौती बन गया।

3. राजनीतिक विरोध का दमन : Repression of political opposition
  • लगातार हो रहे विरोध, प्रदर्शन और अस्थिरता से घबराकर इंदिरा गांधी ने आपातकाल को एक उपाय के रूप में देखा।

4. संजय गांधी का प्रभाव : Sanjay Gandhi's influence
  • संजय गांधी के "पांच सूत्रीय कार्यक्रम" और उनकी दबंग राजनीति ने भी इस निर्णय में भूमिका निभाई।

⚖️ आपातकाल में क्या-क्या हुआ? What happened during the emergency?

1. मौलिक अधिकारों का निलंबन : Suspension of fundamental rights
  • संविधान के अनुच्छेद 19 (अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता) को निलंबित किया गया।
  • अनुच्छेद 21 (जीवन और स्वतंत्रता का अधिकार) तक को दरकिनार कर दिया गया।
2. प्रेस सेंसरशिप : Press censorship
  • अखबारों को समाचार छापने से पहले सरकारी मंजूरी लेनी पड़ती थी।
  • Indian Express जैसे अखबारों ने विरोध स्वरूप अपने संपादकीय पृष्ठ खाली छोड़ दिए।
3. नेताओं की गिरफ्तारी : Arrest of leaders
  • जे.पी. नारायण, अटल बिहारी वाजपेयी, लालकृष्ण आडवाणी, मोरारजी देसाई, जॉर्ज फर्नांडिस सहित हजारों लोगों को जेल में डाला गया।
  • Maintenance of Internal Security Act (MISA) का दुरुपयोग हुआ।
4. नसबंदी अभियान : Sterilization campaign
  • संजय गांधी की अगुआई में जबरन नसबंदी अभियान चलाया गया, जिससे लाखों गरीबों को मजबूर किया गया।
5. लोकसभा और राज्यों की विधानसभा का कार्यकाल बढ़ाया गया : The term of the Lok Sabha and state assemblies was extended
  • लोकसभा का कार्यकाल पांच से बढ़ाकर छह साल कर दिया गया।

 सामाजिक प्रभाव : Social impact

  • भय और खामोशी का माहौल: लोग खुलकर बोलने से डरने लगे।
  • जनता में असंतोष: ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में शासन से नाराजगी बढ़ती गई।
  • सामाजिक कार्यकर्ताओं पर हमले: कई एनजीओ, छात्र संगठनों और यूनियनों पर कार्रवाई हुई।

📚 ऐतिहासिक तथ्य (Historical Facts)

  • 1975-77 के आपातकाल को भारतीय मीडिया "The Dark Days of Democracy" कहता है।
  • यह भारत में लागू तीनों आपातकालों में सबसे ज्यादा विवादास्पद था।
  • पहली बार किसी प्रधानमंत्री ने अपने व्यक्तिगत हित में आपातकाल लागू किया।

🧾 अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया : International response

  • अमेरिका, ब्रिटेन समेत कई देशों ने भारत के इस कदम की आलोचना की।
  • अंतरराष्ट्रीय प्रेस ने इसे "Indian Dictatorship" कहा।
  • Amnesty International और अन्य मानवाधिकार संगठनों ने निंदा की।

📉 राजनीतिक परिणाम : Political consequences

  • जनता पार्टी की ऐतिहासिक जीत (1977): Historic victory of Janata Party (1977)
इंदिरा गांधी को करारी हार का सामना करना पड़ा। कांग्रेस को पहली बार सत्ता से बाहर जाना पड़ा।

  • मोरारजी देसाई बने प्रधानमंत्री: Morarji Desai became the Prime Minister
देश को पहला गैर-कांग्रेसी प्रधानमंत्री मिला।

  • लोकतंत्र की पुनर्स्थापना: Restoration of democracy
संविधान में 44वें संशोधन द्वारा सुनिश्चित किया गया कि भविष्य में आपातकाल इतनी आसानी से न लगाया जा सके।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs) : Frequently Asked Questions (FAQs)

Q1. भारत में 1975 का आपातकाल किसने और क्यों लगाया?
उत्तर: तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने 25 जून 1975 को लगाया, मुख्यतः अपनी राजनीतिक सत्ता बचाने के लिए।

Q2. Emergency कितने दिन चला?
उत्तर: कुल 21 महीने — 25 जून 1975 से 21 मार्च 1977 तक।

Q3. उस समय कौन-कौन से नेताओं को जेल भेजा गया?
उत्तर: जे.पी. नारायण, अटल बिहारी वाजपेयी, एल.के. आडवाणी, मोरारजी देसाई, जॉर्ज फर्नांडिस सहित हजारों लोगों को।

Q4. क्या प्रेस की आज़ादी पर रोक थी?
उत्तर: हां, प्रेस को सेंसर किया गया, सरकारी अनुमति के बिना कुछ भी छापना मना था।

Q5. आपातकाल के बाद कौन जीता?
उत्तर: 1977 में जनता पार्टी ने ऐतिहासिक जीत दर्ज की और कांग्रेस सत्ता से बाहर हो गई।

✊ निष्कर्ष (Conclusion)

1975 का आपातकाल भारत के लोकतांत्रिक इतिहास का सबसे गंभीर संकट था, लेकिन साथ ही यह भी दिखाता है कि भारत की जनता कितनी जागरूक और सशक्त है। जब अधिकार छीने गए, तब जनता ने अगले ही चुनाव में अपनी ताकत दिखाई और लोकतंत्र की रक्षा की।

👉 आज भी यह घटना हमें याद दिलाती है कि लोकतंत्र की रक्षा सिर्फ संविधान नहीं, बल्कि जागरूक नागरिक करते हैं।

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