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महर्षि वाल्मीकि जयंती के बारे में कुछ रोचक तथ्य (Interesting facts about Maharishi Valmiki Jayanti)

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महर्षि वाल्मीकि जयंती(Maharishi Valmiki Jayanti) कहा जाता है कि हिंदू चंद्र कैलेंडर के अनुसार महर्षि वाल्मीकि का जन्म अश्विन पूर्णिमा को हुआ था। इसलिए, इस दिन को महर्षि वाल्मीकि की जयंती के रूप में मनाया जाता है, जिन्होंने संस्कृत में रामायण की रचना की थी। इस दिन, संत वाल्मीकि के भक्त एक जुलूस या जुलूस निकाल कर भक्ति गीत और भजन गाते हैं। वाल्मीकि जयंती हिंदू चंद्र कैलेंडर के अनुसार अश्विन महीने के शुक्ल पक्ष की 15वीं तिथि को मनाई जाती है। वाल्मीकि जयंती को प्रगति दिवस भी कहा जाता है। यह हिंदू कैलेंडर के अनुसार हर साल आश्विन महीने में शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा के दिन मनाया जाता है। महर्षि वाल्मीकि को आदि कवि या संस्कृत भाषा का पहला कवि भी कहा जाता है कि त्रेता युग में रहने वाले महर्षि वाल्मीकि ने नारद मुनि से भगवान राम की कथा सीखी थी और उनके मार्गदर्शन में उन्होंने महाकाव्य रामायण की रचना की थी। वरुण के पुत्र और वाल्मीकि नाम(Varuna's son and Valmiki name) उनका जन्म वरुण यानी आदित्य, वाल्मीकि महर्षि कश्यप और अदिति के नौवें पुत्र से हुआ था। उनकी माता का नाम चरश्नी और भाई भृगु थे। उपनिषदो