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ज्वालामुखी कैसे फटता है? कारण और कुछा रोचक तथ्य जानें

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कैसे फटता हैं ज्वालामुखी - (How do volcanoes erupt ) दुनिया भर में 500 से ज्यादा सक्रिय ज्वालामुखी हैं. इनमें से आधे से ज्यादा ‘ रिंग ऑफ फायर ‘ का हिस्सा हैं. ज्वालामुखी मैग्मा यानी पत्थर से मिलकर बना पहाड़ होता है. जब धरती के नीचे जियोथर्मल एनर्जी से पत्थर पिघलने लगते हैं तो नीचे से दबाव ऊपर की आता है. इसी दबाव से पहाड़ फटता है, जिसे ज्वालामुखी का फटना कहते हैं. ज्वालामुखी कैसे फटता है? ज्वालामुखी तब फटता है जब पृथ्वी के भीतर गर्म मैग्मा , गैस , और लावा अत्यधिक दबाव के कारण सतह पर आ जाता है। यह मैग्मा पृथ्वी की परतों में बने दरारों से बाहर निकलता है। जब दबाव बहुत बढ़ जाता है, तो विस्फोट होता है, जिसमें लावा, राख, और गर्म गैसें बाहर निकलती हैं, जिससे ज्वालामुखी फटता है। किसे कहते हैं ज्वालामुखी (What is a volcano)  पृथ्वी की सतह के नीचे गर्म तरल चट्टान को मैग्मा के रूप में जाना जाता है, इसे ज्वालामुखी से निकलने के बाद लावा कहा जाता है। ज्वालामुखीय विस्फोट पृथ्वी की सतह से 30 km से अधिक ऊंचाई तक हवा में राख भेज सकते हैं। दुनिया का सबसे बड़ा सक्रिय ज्वालामुखी हवाई USA स्थित

Andhra Pradesh:आंध्र प्रदेश के बारे में कुछ रोचक तथ्य

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आंध्र प्रदेश (Andhra Pradesh) के बारे में कुछ रोचक तथ्य  1. आन्ध्र प्रदेश भारत के दक्षिण-पूर्वी तट पर स्थित राज्य है। 2. .क्षेत्र के अनुसार यह भारत का सातवा सबसे बड़ा राज्य है।  3. जनसंख्या के आधार पर भारत के पांचवा सबसे बड़ा राज्य है, इसकी राजधानी अमरावती है और सबसे बड़ा शहर है।  4. ऐतिहासिक रूप से आन्ध्र प्रदेश को "भारत का धान का कटोरा" कहा जाता है।  5. यहां की फसल का 77% से ज़्यादा हिस्सा चावल होता है।  6. इस राज्य में दो प्रमुख नदियां, गोदावरी और कृष्णा बहती हैं।  7. ऐतिहासिक दृष्टि से राज्य में शामिल क्षेत्र आन्ध्रपथ, आन्ध्रदेस, आन्ध्रवाणी और आन्ध्र विषय के रूप में जाना जाता था।आन्ध्र राज्य से आन्ध्र प्रदेश का गठन 1 नवम्बर सन् 1956 को किया गया। 8.2014 फरवरी को भारतीय संसद ने अलग तेलंगाना राज्य को मंजूरी दे दी।  9. तेलंगाना राज्य में दस जिले तथा शेष आन्ध्र प्रदेश में 13 जिले होंगे।  10. आंध्र प्रदेश में विश्व का एकमात्र स्तंभ है जो हवा में निलंबित रहता है। 11. भारतीय राष्ट्रीय ध्वज के डिजाइनर पिंगली वेंकय्या आंध्र प्रदेश के रहने वाले थे।        12. आंध्र प्रदेश

तुर्की में मिला खजाना पत्थरों को काटकर 400 कब्रें बनाए गए थे

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(छवि क्रेडिट: ब्लांडोस पुरातत्व उत्खनन परियोजना पुरालेख) तुर्की में मिला खजाना पत्थरों को काटकर 400 कब्रें बनाए गए थे तुर्की में पुरातत्वविदों ने कटे हुए पत्थरों से बने 400 मकबरे खोजे हैं। ये कब्रिस्तान लगभग 1800 साल पुराने हैं। इनके अंदर की खूबसूरत पेंटिंग दीवारों पर की गई है,साथ ही इनमें कुछ कीमती चीजें भी मिली हैं, जिन्हें लोग खजाना कह रहे हैं, ऐसा महसूस किया जा रहा है कि इस मकबरे का निर्माण रोमन साम्राज्य के समय में पत्थरों को काटकर किया गया था। ब्लांडोस शहर में हुई इस खोज से जुड़े कई तथ्य सामने आए हैं। ब्लोंडोस शहर एक घाटी से घिरी पहाड़ी पर बसा है। जो वास्तव में विशाल उसाक घाटी की एक शाखा है जो विश्व की सबसे लंबी घाटी प्रणालियों में से एक है। ब्लोंडोस के लोगों ने नेक्रोपोलिस को अपनी सुविधा के लिए घाटी के ढलानों में बदल दिया। शहर के चारों ओर ढलानों की चट्टानी प्रकृति के कारण, यहां का कब्रिस्तान भी ठोस चट्टान में उकेरे गए कक्ष के आकार में बनाया गया था। (छवि क्रेडिट: ब्लांडोस पुरातत्व उत्खनन परियोजना पुरालेख) इस शहर का निर्माण सिकंदर के समय में किया गया था। यह शहर रोमन

असम राज्य से जुड़े कुछ रोचक तथ्य जो आपको हैरान कर देंगे.

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    असम    राज्य,(Assam State)😊 उत्तर पूर्वी भारत में असम (অসম) या आसाम राज्य है और उत्तर पूर्वी भारतीय राज्यों से घिरा हुआ है।  राज्य के पूर्व में नागालैंड, पश्चिम में बंग्लादेश,उत्तर में अरुणाचल प्रदेश तथा मणिपुर, दक्षिण में मिजोरम तथा मेघालय सभी से घिरा हुआ है। असम चाय और रेशम के लिए जाना जाता है । एशिया में तेल ड्रिलिंग के लिए पहली साइट थी।  असम एक सींग वाले भारतीय गैंडों का घर है। असम नाम संस्कृत से लिया गया है सामान्य रूप से माना जाता है। जिसका शाब्दिक अर्थ है, वो भूमि जो समतल नहीं है। कुछ विद्वानों का मानना है कि ' असम ' शब्‍द संस्‍कृत के ' असोमा ' शब्‍द से बना है, जिसका अर्थ है अनुपम अथवा अद्वितीय।  प्राचीन भारतीय ग्रन्थों में असम राज्य को प्रागज्योतिच्ह के नाम से जाना जाता था।  असम राज्य में पुश्य वर्मन ने वर्मन राजवंश कि स्थापना की थी। भासकर वर्मन ( 600-650 ई॰ ), प्रसिद्ध वर्मन शासक थे उनके शासनकाल में चीनी यात्री क्षुअन झांग क्षेत्र का दौरा किया और अपनी यात्रा दर्ज की।  मध्यकाल में सन् 1228 में बर्मा के एक ताई विजेता चाउ लुंग सिउ का फाने पुर्वी असम प

First train journey in India : भारत में पहली ट्रेन यात्रा

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भारत में पहली ट्रेन यात्रा:First train journey in India भारत में 16 अप्रैल 1853 को पहली यात्री ट्रेन बोरी बंदर (बॉम्बे) और ठाणे के बीच 34 किमी की दूरी पर चली थी। यह साहिब, सुल्तान और सिंध नामक तीन इंजनों द्वारा संचालित की गई थी। 16 अप्रैल 1853 को किया गया था, जब लगभग 400 यात्रियों को लेकर 14 रेल डिब्बे लगभग दोपहर 3.30 बजे बोरी बंदर से "एक विशाल भीड़ की जोरदार तालियों और 21 तोपों की सलामी के बीच" रवाना हुईं थी। यह शाम लगभग 4.45 बजे ठाणे पहुंची थी। यानी यह सफर इस ट्रेन ने एक घंटा 15 मिनट में पूरा किया था। अंग्रेजों ने भारत में रेलवे नेटवर्क की शुर्रुआत लोगों की जरूरत के लिए नहीं बल्कि अपने व्यपार के लिये बनया था। पहली बार 1843 में भांडुप (Bhandup) की यात्रा के दौरान बॉम्बे सरकार के चीफ इंजिनियर श्री जॉर्ज क्लार्क (Mr. George Clark) को मिला था।  कोलकाता और मद्रास में भी चली थी:Also worked in Kolkata and Madras 15 अगस्त 1854 को पहली यात्री ट्रेन हावड़ा स्टेशन से  24 मील की दूरी पर हुगली के लिए रवाना हुई।  इस प्रकार ईस्ट इंडियन रेलवे के पहले खंड को सार्वजनिक यातायात

History of Pizza:पिज़्ज़ा का इतिहास

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पिज़्ज़ा  का इतिहास (History of Pizza) पिज्जा का इतिहास जानने से पहले हम आपको बता दें कि पिज्जा सबसे पहले गरीबों के लिए बनाया गया था, क्योंकि यह सस्ता होता और पेट भी भर जाता था। पिज्जा के इतिहास की शुरुआत यूनान से होती है जो करीब 2100 साल पुराना है। हमें जो आधुनिक पिज़्ज़ा खाने को मिलता है वह इटली का ही उत्पाद है। पिज्जा का सफर यूनान से शुरू हुआ जो 18 जून 1996 को इटली और अमेरिका होते हुए भारत पहुंचा। पिज़्ज़ा हट नाम की कंपनी ने सबसे पहले भारत का पहला आउटलेट बैंगलोर में खोला।  ज्यादातर मजदूर काम पर जाने से पहले ब्रेकफास्ट के रूप में फ्लैटब्रेड पर लगी सब्जी और मीट की टॉपिंग्स खाकर निकल जाते था। इस समय यह खाना इन्हें बहुत सस्ते में मिल जाता था।  जो सबसे सस्ती टॉपिंग्स होती उसमें सूअर का मांस, नमक और लहसुन का प्रयोग किया जाता था. दूसरी तरह के टॉपिंग्स में घोड़ी के दूध से बना चीज (कैसिओकैवलो), फिश, काली मिर्च और पोमोडोरो का उपयोग किया जाता था जो कि थोड़ा सी मानगी पड़ती थी पड़ता।  पिज़्ज़ा का इतिहास शुरुआत इटली के नेपल्स शहर में बेकिंग का काम करने वाले “राफेल एस्पिओसिटो” ने की थी। सन 18